सम्मान में कुछ कहूँ हिन्दी के, आज अवसर है,
सिर्फ़ भाषा ही नहीं ये , हिन्दी मेरा गर्व है ||
हिन्दी ने बतलाए सबको नौ ग्रहों के नाम ,
नासा खर्च कर देता जिसपे अरबों अरब है ||
अँग्रेज़ी कॅलंडर क्या करेगा तारीखों की गड़ना ,
हिन्दी पंचांग बताता , तिथियाँ और पर्व है ||
अनेकता में एकता, हिन्दी का ही असर है
सिर्फ़ भाषा ही नहीं ये , हिन्दी मेरा गर्व है ||
माना संस्कृत में लिखे गये, मैनें हिन्दी में ही समझे ,
रिग वेद , साम वेद, यजुर वेद या अथर्व है ||
हाथ मिलाना छोड़ दुनियाँ ने "नमस्ते" को अपनाया ,
पश्चिम सभ्यता को देखो ज़रा कितनी बे असर है ||
हिन्दी पहला अक्षर हमारा, हिन्दी ही हमारी सीड़ी,
हिन्दी बोलने वालों पे क्यूँ हँसने लगी नयी पीड़ी ||
अब भी वक़्त है चलो सुधार जाते हैं ,
छोड़ पश्चिमी सभ्यता ,जड़ों से जुड़ जाते हैं ||
करते हैं कोशिश,देखें होता क्या असर है
सिर्फ़ भाषा ही नहीं ये , हिन्दी मेरा गर्व है ||