Saturday, 7 January 2017

|| प्रदेश में चुनाव आ रहे हैं ||


महँगाई दिखती रही उसे प्याज टमाटर दालों में ,
पर वो खुद ना दिखा जनता को पाँच सालों में
वो रैली में दौड़ते नवाब रहे हैं ,
लगता है प्रदेश में चुनाव रहे हैं ||

बिन मतलब वो आरक्षण की दूध मलाई बाँट रहा ,
फ्री में बिजली पानी तो कोई वाई फ़ाई बाँट रहा |
लॅपटॉप मिलने के दिन फिर एक बार रहे हैं ,
लगता है प्रदेश में चुनाव रहे हैं ||

पुलिस तैनात खड़ी है अब हर चौराहों में ,
अंधियारा रहता था अब तक जिन राहों में |
वहाँ स्ट्रीट लाइट जलने के नज़र आसार रहे हैं ,
लगता है प्रदेश में चुनाव रहे हैं ||

कोई वारदात होती नहीं दिन दहाड़े चौक पे ,
बैंक भी लुटते नहीं अब बंदूक की नोंक पे |
खाते में पेंशन के पैसे अपने आप आ रहे हैं |
लगता है प्रदेश में चुनाव रहे हैं ||

Sushant Jain