Sunday, 3 March 2013

हे माननीय पढ़ाई

“हे माननीय पढ़ाई”

हे माननीय पढ़ाई , तुम क्या खा कर हो आई |
रातों की जो नींद उड़ा दे, तुम हो वो अंगड़ाई  ||
जो तुम्हारे पीछे पड़ जायें , उनके चश्में चढ़  जाते हैं ।
जो तुमसे पीछे रह जाएँ वो नज़रों में गिर जाते हैं ।।

Mathematics की वो Differentiation, वो खतरनाक Quadratic Equation.
Radian , Median का वो माया जाल, Father – Son की AGE की वो Situation.
Trigonometry ,Geometry ,Alzebra में, हार अपनी क़ुबूल गया |
Integration Sign बना बना के, अपने नाम का “S” बनाना भूल गया ||

Physics पढ़ने का जैसे तैसे current  मुझमें produce  हुआ ,
पर झटका ऐसा लगा मनो सब कुछ  reduce  हुआ  ।।
Magnetic field में सीधा चलता electron का path, खुद से circular हो जाता है ।
Positive Negative charge पढ़ पढ़ के दिमाग nutral हो जाता है ।।

Chemistry में reactions की समझ ना आयी मुझको काया |
Practical में Test Tube में से सिर्फ धुआँ ही नज़र आया ||
जबरदस्ती तो Chemistry  में इस हद तक हो गयी ,
Atom  को किसी ने देखा नहीं और Proton की खोज हो गयी ।।

नाम भूल जाता हु मैं अपना जब कोई Formula  सामने अता है ।
Facebook पे tag  किया हुआ कोई फोटो मुझे मेरा नाम याद दिलाता है ।।
तुम्हे समझने को कितनी रातें जाग जाग के बिताईं |
हे माननीय पढ़ाई , तुम क्या खा कर हो आई ||


© Sushant Jain
digitallyyour@gmail.com
iSushantJain.blogspot.in
Twitter @digitallyyour

No comments:

Post a Comment