Thursday, 7 March 2013

इतने EXCEPTION आएंगे की तू CATCH नहीं कर पाएगी


"इतने EXCEPTION आएंगे की तू  CATCH  नहीं कर पाएगी"

तेरी मेरी जोड़ी दुनियाँ  MATCH  नहीं कर पाएगी ,
इतने EXCEPTION आएंगे की तू  CATCH  नहीं कर पाएगी ।।

तू  CLIENT VISIT सा सुन्दर OFFICE, मैं  CLIENT CALL का  TERROR  हूँ ।
तू  SERVER पे चलता कोड है, मैं JAVA SCRIPT  की  ERROR हूँ ।।

तुम  CONCREAT  CLASS जैसी मैं आधा अधूरा ABSTRACTION हूँ |
तुम APPRECIATION MAIL हो, मैं WEEKEND में ESCALLATION   हूँ ||

मैं  HR  का अनचाहा  PING, तुम  "SWEETS AT MY DESK"  का  MAIL.
तुम  INTEGRATION TEST PASS, मैं  "ALL TEST CASE ARE FAIL".

मैं LOAD RUNNER का OVER LOAD , तू THREAD जैसी LIGHT WEIGHT.
तू RUNNABLE का RUN METHOD, मैं THREAD का METHOD WAIT();

मैं SQL का  DROP COMMAND,  तुम  STORED PROCEDURE जैसी ।
हमारे  CONCATENATION से  SQL QUERRY बनेगी ऐसी ।।
लाख चला लो वो QUERRY ,RECORDS FETCH नहीं कर पाएगी ।
इतने EXCEPTION आएंगे की तू CATCH नहीं कर पाएगी ।।
इतने EXCEPTION  आएंगे की  तू  CATCH  नहीं कर पाएगी ।।


© Sushant Jain
digitallyyour@gmail.com
iSushantJain.blogspot.in
Twitter @digitallyyour

This poem is inspired from "Mushkil hai apna mel priye" by Sunil Jogi Ji.

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