Scooty पे जो वो निकले अपना चेहरा लपेट कर ,
हम तो रह जाते हैं अपनी आशिकी समेट कर ।
उनके चेहरे में कुछ तो बात जरूर है ,
या तो Pimple ज्यादा है या खूबसूरती का गुरूर है ।
क्यों कि वो करती हैं कंजूसी कपडों की ।
हाथों में दस्ताने लम्बे लम्बे, पर दुपट्टा सिमटता हुआ होगा ,
तन पे कपड़ा हो न हो, पर चेहरा लिपटा हुआ होगा ।
मन में तो खुश होती हैं पर लडकों को जरूर पिटवाती हैं ।
जहां से वो गुजरती हैं , समझती हैं बिजलियाँ खुद को उस डगर की ,
खुद को ऐश्वर्या समझने वालियों, मिस वर्ल्ड हो तुम सिर्फ अपने घर की ।
खुद को ऐश्वर्या समझने वालियों, मिस वर्ल्ड हो तुम सिर्फ अपने घर की ।
अनदेखी खूबसूरती के दरिया में उतर जाते हैं हम,
पर्दा हटता है, चेहरा देख कई बार तो डर जाते हैं हम ।
उनके होठों पे लिपस्टिक से ज्यादा रहती अंग्रेजी गालियाँ हैं ,
रोब ऐसे दिखाती हैं जैसे लादेन की सालियाँ हैं ।
रोब ऐसे दिखाती हैं जैसे लादेन की सालियाँ हैं ।
.
.
.
माना फैशन है, कल्चर है, पर तुम कुछ तो सब्र करो
किसी की नहीं तो कम से कम आँचल की तो क़द्र करो ।
© Sushant Jain
iSushantJain.blogspot.in
Twitter @digitallyyour